sidhanth

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Wednesday, November 28, 2012

किसी ने कहा ज़ख्मो को भरने का मौका दो ...मैंने कहा ये ज़ख्म हिन् तो हैं जिसे मैं कुरेदता रहता हूँ और उसकी याद आँखों से बहती रहती है

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