sidhanth

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Wednesday, November 28, 2012

नफरत

नफरत बड़ी काम की होती है अगर हो जाये तो आदमी भगवन से भी लड़ बैठता है और प्यार हो तो उस रब के आगे भी घुटने टेक देता है ...मुझे तेरी नफरत हिन् पसंद है जो न तुझे जीने देगी और मैं तो कब से इस तेरे नफरत पे मर मिटा हूँ ....बस राह खोज रहा हूँ ...आज तेरे सेहर से भी नफरत होगई है मुझे और सुना है की ...पूरा सहर नफरत की दीवानगी में जल रहा है

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