sidhanth

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Thursday, November 29, 2012

शर्दी से प्यार होगया है कसम से कभी नहीं सोचा था प्यार होगा भी तो शर्दी से ..जी हाँ वही जो नाक गला सब जाम कर देती है .....तो फिर ये तकलीफ में प्यार कैसे ...तो भयिया फिर जो सेवा होती हो प्यार करवा देती है ...वो माँ का सुबह गरम पानी देना ...हर घंटे देखना की कहीं बुखार तो न होगया मेरे बच्चे को ...वो दूध को गरम कर के हल्दी देना ...ये नहीं खाओ वो नहीं खाओ ...तो प्यार तो होगा हिन् ऐसी बीमारी से

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