जब आप खुद से खुद को तोड़ते हैं तो तकलीफ जरूर होती है ..पर थकिये मत तोड़ते रहिये ..इससे आपका एक बार तो वजूद ख़तम जरुर होगा पर याद रखिये उस ढेर से कुछ मलबा हिन् निकलेगा और बचेगा एक साफ़ ज़मीन जहाँ आप फिर से कुछ बनायेंगे ..पर सबसे बड़ा काम है तोडना ...सो तोड़ दीजिये जो आपको रोकता हो
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