नफरत बड़ी काम की होती है अगर हो जाये तो आदमी भगवन से भी लड़ बैठता है और प्यार हो तो उस रब के आगे भी घुटने टेक देता है ...मुझे तेरी नफरत हिन् पसंद है जो न तुझे जीने देगी और मैं तो कब से इस तेरे नफरत पे मर मिटा हूँ ....बस राह खोज रहा हूँ ...आज तेरे सेहर से भी नफरत होगई है मुझे और सुना है की ...पूरा सहर नफरत की दीवानगी में जल रहा है
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