sidhanth

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Monday, August 8, 2011

मैं तुम्हे चाहता पर तुम जान जाती काश उस प्यार को जो सिमट कर रह गया इन बाहों में जो सायद तेरा था , पर तुम जान जाती काश उस प्यार को जो इन आँखों से बह गया अंशु बन तेरी याद में काश तुम उस नमी को मेहश कर पाती तो जान जाती उस रत भी मैं आया था तेरे घर पर पर काश तुम जान जाती ..वो आखरी रत थी ..काश तुम जान जाती की उस प्यार का मोल लगा था उस रात के बाज़ार में काश तुम जान जाती उस प्यार को जो बस अब सिमट कर रह गया है
मेरे इन दो बाहों में ..काश तुम जान जाती ...
9/August /2011/ 12:15 am

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